भटनेर पोस्ट न्यूज. जयपुर.
एडीजी दिनेश एमएन न सिर्फ अपने काम बल्कि काम करने के अंदाज को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। ताजा मामला राजस्थान विश्वविद्यालय का है। मौका था घूमर फेस्टिवल का। आईपीएस दिनेश एमएन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने हास्य परिहास के बीच युवाओं को कई नसीहत दे दी। अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए एडीजी ने कहा, ‘आप सबको देखकर मुझे भी अपनी जवानी याद आ रही है। तीन दशक पुराने दिनों और आज में बहुत अंतर आ गया है। उस वक्त भी कॉलेज में म्यूजिक, मूवी, मस्ती, कुछ ड्रामेबाजी, कुछ हार्टब्रेक, कुछ रिजेक्शन और अफेयर्स होते थे। उस वक्त डिजिटल नहीं था। हम लोग लड़कियों को ई-मेल नहीं भेजते थे। सीधे जाकर बात करते थे। रिजेक्शन पर थप्पड़ खाकर वापस आ जाते थे।’
एडीजी दिनेश एमएन न सिर्फ अपने काम बल्कि काम करने के अंदाज को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। ताजा मामला राजस्थान विश्वविद्यालय का है। मौका था घूमर फेस्टिवल का। आईपीएस दिनेश एमएन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने हास्य परिहास के बीच युवाओं को कई नसीहत दे दी। अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए एडीजी ने कहा, ‘आप सबको देखकर मुझे भी अपनी जवानी याद आ रही है। तीन दशक पुराने दिनों और आज में बहुत अंतर आ गया है। उस वक्त भी कॉलेज में म्यूजिक, मूवी, मस्ती, कुछ ड्रामेबाजी, कुछ हार्टब्रेक, कुछ रिजेक्शन और अफेयर्स होते थे। उस वक्त डिजिटल नहीं था। हम लोग लड़कियों को ई-मेल नहीं भेजते थे। सीधे जाकर बात करते थे। रिजेक्शन पर थप्पड़ खाकर वापस आ जाते थे।’
यूथ टॉक में दिनेश एमएन बोले-‘लाइफ में काफी मुश्किलें आएंगी। उनसे डटकर मुकाबला करना होगा। हमारे पास जिंदगी में जितना भी वक्त है। उसमें मस्त रहना है। जिंदगी के मजे लेना है। फेलियर से डरना नहीं है। फेलियर वह नहीं है, जो एक बार फेल हो जाता है। फेलियर वह है, जो अटेम्प्ट करना छोड़ देता है। आप लोगों ने मूवी देखी होगी पुष्पा। उसके डायलॉग को याद रखना। जिंदगी जब भी आपको मुक्का मारे या फिर परेशान करे। आप लोगों को डटकर बोलना-झुकेगा नहीं। जिंदगी में आगे बढ़ेंगे और जिंदगी के सारे सुख लेंगे।’
एडीजी ने युवाओं को सावधान करते हुए कहा, ‘आज सोशल मीडिया का जमाना है। जहां पर हर तरह का कंटेंट उपलब्ध है। कुछ एंटरटेनमेंट चैनल्स पर क्राइम से जुड़ा कंटेंट भी उपलब्ध है। ऐसे में लोग उसे देखेंगे तो सही। जो लोग उसे अपनाने की कोशिश करेंगे। उन्हें हम जेल में डाल देंगे।’ बाद में जब पत्रकारों से बातचीत में उनसे पूछा गया कि आप तो सिंघम हो, इस पर एडीजी दिनेश एमएन बोले-‘मैं नहीं हूं सिंघम। राजस्थान पुलिस का हर सिपाही सिंघम है। कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल, एसआई, सीआई डिप्टी से लेकर एडिशनल एसपी सभी लोग बहुत मेहनत करते हैं। असलियत में टीम सिंघम होती है। कोई एक अधिकारी सिंघम कभी नहीं हो सकता है।’

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