बीजेपी जिलाध्यक्ष को लेकर आए ये नाम!

भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
बीजेपी में कई जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे। हनुमानगढ़ में भी बदलाव की सुगबुगाहट महसूस की जा रही है। माना जा रहा है कि जेपी नड्ढा पहले अपनी केंद्रीय टीम का गठन करेंगे। इसके बाद प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी प्रदेश टीम को आकार देंगे। इसके बाद जिलाध्यक्षों की सूची जाएगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ‘भटनेर पोस्ट’ को बताते हैं कि जुलाई तक तीनों ही लिस्ट आने के पूरे आसार हैं। प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी प्रदेश कार्यकारिणी में ज्यादा फेरबदल करने के मूड में नहीं हैं। उनका मानना है कि चुनावी साल में व्यापक फेरबदल पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसलिए 30 से 35 फीसद पदाधिकारियों को ही बदला जा सकेगा। वहीं हनुमानगढ़ जिलाध्यक्ष को लेकर कुछ नामों पर चर्चा का दौर जारी है, इनमें प्रमुख रूप से कुछ नाम सामने आए हैं।
बलवीर बिश्नोई: बतौर जिलाध्यक्ष दो कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं। खुद को पार्टी का साधारण कार्यकर्ता बताते हुए सबको साथ लेकर चले। पार्टी के कार्यक्रमों के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है इनके कार्यकाल में भाजपा जिला कार्यालय भवन का निर्माण। जेपी नड्ढ़ा खुद इसका लोकार्पण करने हनुमानगढ़ आए। तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी इनके कार्यों के मुरीद रहे। माना जा रहा है कि पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप का विश्वासपात्र होने के कारण इन्हें तीसरी बार जिलाध्यक्ष की कमान मिल सकती है।
काशीराम गोदारा: बतौर जिलाध्यक्ष कुशल संगठक माने जाते हैं। प्रदेश मंत्री के तौर पर राज्य के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे। संघनिष्ठ प्रखर वक्ता हैं। वैचारिक तौर पर पार्टी के समर्पित सिपाही हैं। बीजेपी में इस बात की चर्चा है कि काशीराम गोदारा विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं और नोहर से टिकट मांग रहे हैं लेकिन पार्टी इन्हें जिलाध्यक्ष बनाने के मूड में है।
कैलाश मेघवाल: संघनिष्ठ कार्यकर्ता होने के साथ भाजपा के प्रदेश मंत्री व प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं। इस वक्त एससी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हैं। पीलीबंगा विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। श्रीगंगानगर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की मंशा से बतौर अध्यापक नौकरी छोड़ी थी। कार्यकर्ताओं में अच्छी पैठ है और केंद्रीय व राज्य स्तरीय नेताओं के चहेते भी हैं। यही वजह है कि पार्टी इन्हें संगठन में रखना चाहती है।
देवेंद्र पारीक: आरएसएस स्वयंसेवक के तौर पर पहचाने जाते हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से कॅरिअर की शुरुआत की और भाजयुमो के जिलाध्यक्ष व जयपुर संभाग प्रभारी का दायित्व निभाया। दो बार पार्षद भी रहे। अब हनुमानगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे। सीपी जोशी के साथ काम करने का पुराना अनुभव हैं जोशी जब युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष थे तो देवेंद्र पारीक यहां पर जिलाध्यक्ष का जिम्मा संभाल रहे थे। ऐसे में पारीक को भी जिलाध्यक्ष का प्रबल दावेदार माना जाता है।
कालूराम शर्मा: पार्षद से सियासी सफर शुरू करने वाले कालूराम शर्मा नगरपरिषद के वाइस चेयरमैन भी रहे। खुद को साधारण कार्यकर्ता बताते हैं और पार्टी की मजबूती के लिए हरदम तैयार दिखते हैं। संगठन में काम करने का तर्जुबा है। जिला उपाध्यक्ष के तौर पर काम कर चुके हैं। जिले के किसी नेता या कार्यकर्ता से नाराजगी नहीं। सबके साथ मधुर संबंध होने का फायदा मिल सकता है। माना जा रहा है कि किसी गुट विशेष से इनका कोई संबंध नहीं। सबके साथ आत्मीयता है।



 

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