असम सरकार ने दीनदयाल शर्मा और गोपाल लढ़ा को दी ये जिम्मेदारी, जानिए..क्या ?

भटनेर पोस्ट डॉट कॉम. 
असम सरकार की ओर से मध्यकाल के स्वतंत्रता के अमर पुजारी लाचित बरफुकन के जीवन पर केंद्रित असमिया लेखक अरूप कुमार दत्ता की अंग्रेजी पुस्तक के भारतीय भाषाओं में अनुवाद का कार्य करवाया जा रहा है। इस पुस्तक के राजस्थानी अनुवाद के लिए वरिष्ठ बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा को अनुवादक और कवि समालोचक डॉ मदन गोपाल लढ़ा को संपादक मनोनीत किया गया है। असम सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले प्रकाशन बोर्ड के सचिव प्रमोद कलिता की ओर से जारी पत्र के अनुसार मध्यकाल में मुगलों के विरुद्ध अनथक संघर्ष करके असमिया लोगों की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले अमर योद्धा लाचित बरफुकन के व्यक्तित्व और कृतित्व से पूरे देशवासियों को परिचित करवाने के लिए असम सरकार ने राजस्थानी सहित 24 भारतीय भाषाओं में इसके अनुवाद की परियोजना तैयार की है, जिसका कार्य इन दिनों प्रगति पर है। इस परियोजना की प्रभारी और सिने आलोचक अपराजिता पुजारी के अनुसार श्असमज ब्रेवहार्ट लाचित बरफुकनश् पुस्तक के राजस्थानी अनुवाद का जिम्मा साहित्य अकादमी के बाल साहित्य पुरस्कार प्राप्त वरिष्ठ बाल साहित्यकार और संपादक दीनदयाल शर्मा को दिया गया है। पुस्तक के संपादन का दायित्व साहित्य अकादमी के अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित कवि कहानीकार डॉ मदन गोपाल लढ़ा को सौंपा गया है। इस अत्यंत महत्वपूर्ण ऐतिहासिक ग्रंथ के राजस्थानी में अनुवाद से राजस्थान प्रांत के पाठक इस बहादुर योद्धा की वीरता, युद्ध कौशल, त्याग और समर्पण की गौरवपूर्ण गाथाओं से परिचित हो सकेंगे। यह पुस्तक अभी प्रकाशन की प्रक्रिया में है। इसके आगामी माह में लोकार्पण की उम्मीद है।

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